आपका क्या नाम है ?
स्कूल के पहले दिन तीसरी कक्षा में व्याकरण के मास्टर ने बच्चों को संज्ञा पढ़ते हुए एक बच्चे से पूछा “तुम बताओ बेटा, तुम्हरा नाम क्या है ?”
लड़के ने तपाक से खड़े होकर जवाब दिया “जब्र वीला” ।
सुनते ही मास्टर के कान खड़े हो गए। उसने बड़े हैरानी से बच्चे को देखा और आश्चर्य के साथ पूछा “क्या मतलब है तुम्हारे नाम का , ई कौन भाषा का में है ?”
लड़के ने फिर उसी अंदाज़ में बोला “मास्टर जी, मेरे नाम का मतलब मैं हूं, और ये किसी भी भाषा में नहीं है ।”
ये सुनते ही मास्टर और हैरान हो गया और उसके मुंह से निकला ” तो तुम कौन हो ?
“लड़के ने फिर जवाब दिया ” जब्र विला।”
मास्टर को लड़के की हरकतों से शरारत की महक आई, उसने अपने डरावनी छड़ी से उसके पैर पर तीन- चार छड़ी मारते हुए कहा, “चल वहां , दोनों हाथ ऊपर कर के खड़ा हो जा ।”
लड़का डरते डरते दोनों हाथ ऊपर करके खड़ा हो गया, मास्टर ने फिर उपर से बस्ता भी उसके हाथ पर रख दिया ।
मास्टर ने फिर एक लड़की से उसका नाम पूछा, वो बिल्कुल मास्टर की मेज के सामने बैठी थी।
लड़की ने बड़े उत्साह के साथ कहा , “मास्टर जी मेरा नाम सुुमन है और मेरे नाम का मतलब फूल होता है।”
मास्टर के चेहरे पर एक हल्की मुस्कुराहट खींच गई । लड़की को शाबाशी देते हुए कहा ” देखो ओ बेटा बिल्ल्ला सुनो इसे कहते है इंसानों का नाम और ये है इसकी संज्ञा।”
लड़के ने डरते डरते बोला, “पर मास्टर जी ये तो लड़की है फूल थोड़ी ना है, इसका नाम तो फिर गलत हो गया ।”
मास्टर क्रोध के मारे जल भुन गया, उसे कोई जवाब सूझता कि उससे पहले फिर से उसने लड़के पर लगातार छड़ी बरसा दी, इस बार शायद गिनती भी नहीं करी थी और फिर से उसे वापस खड़ा कर दिया ।
पूरी कक्षा में मास्टर का अतांक फैल गया था , सारे बच्चे सहम से गए थे।
शाम को लड़के का पिता उसे लेने आ रहा था, तभी किसी लड़के ने उन्हें स्कूल जाते हुए देख लिया,
उसने कहा “चाचा आज विला को मास्टर जी ने बहुत मारा, आप को भी बुलाया है।
लड़के का पिता जल्दी जल्दी कदम बढ़ाते हुए मास्टर के कमरे तक गया। मास्टर ने उन्हें बताया कि “आपका लड़का कक्षा में बद्तमीजी कर रहा था, और आपने क्या ही नाम रखा है इसका, मुझसे बहस कर रहा था कि ये सही है और सब लोग गलत ।”
लड़के के पिता ने हाथ जोड़ते हुए कहा ” माफ़ कीजिएगा मास्टर साहब, बच्चा है अभी। वैसे मास्टर साहब आपका नाम क्या है ?”
मास्टर पूरे इत्मीनान के साथ बोला – “दयालु सिंह“
Picture Credit – Vaibhav Diwakar
Wonderful lines.
Kya hi kamaal kahani hai. Waah… Bahut kamaal