“बहुत हुआ सम्मान” :मीठे हंसगुल्ले के साथ चबाइए सामाजिक, राजनीतिक वास्तविकता का कड़वा नीम।
व्यंग,अगर एक तरफ आपको मीठे-मीठे ठहाकेदार हंसगुल्ले खिलाता है, तो वहीं दूसरी तरफ, चखाता है, वास्तविक कड़वे नीम के पत्ते।
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